Page 22 - Flash Preview
P. 22

भ
                                           आत्म निर्र


                                                                       ु
         ें
                                                 ु
                                                                                        े
      हम आत्म-भनभरता की आवश्यकता है क्ोंभक िभनया में हर व्यल्कक्त को खि पर भरोसा करन की जऱूरत है
                                                                                          े
      जब वव्यल्कक्तगत स्तर पर अपनी व्यल्कक्तगत और व्यावसाभयक ल्कस्र्थरता को एकीकत करन जा रह ह। ऐसा
                                                                                            ैं
                                                                            ृ
                                                                                    े
            े
                        ु
                                                                    े
                                                                                         ें
                                               ु
                                                           े
      इसभलए है क्ोंभकखि पर भरोसा करना यह सभनभित करन का सबस अछॎछा तरीका है भक हम भभवष्य में होन         े
                                                                                  े
                                                                            ं
                                                   े
                                                        ु
      वाली भकसी भी भवर्लता कापछतावा नहीं होगा। नता खि पर काम करना पसि करत हैं क्ोंभक उनका
                                     ु
                                                                                                 े
      मानना है भक यह उनकी ताकत, बल्कि औरप्रभाव है जो काम पर उनकी उत्पािकता को प्रभाभवत करन वाल       े
                                                  ुं
                                                                                                   ू
                                             े
                    ं
                                                        ै
                                                                                                 े
                                                                  े
      भकसी भी प्रभतबध या चनौभतयों को िर करन की कजी ह।इस मामल में, एक स्वतत्र व्यल्कक्त होन क े नात िसरों
                                                                                          े
                           ु
                                                                              ं
                                      ू
                                 े
                                                    ू
      की मिि माग भबना आग बढ़न क े भलए एक महत्वपर् गर् ह।आत्म-भनभ्भरता को बढ़ावा िन का उद्दश्य
                                                                                      े
                                                                                        े
                                                                                               े
                                                      भ
                                                        ु
                                                            ै
                 ं
                            े
                   े
                                           भ
                                                                  े
                                                               ू
         भ
                                                 ू
                                                        े
      वतमान में भकसी भनभित गभतभवभध या काय को परा करत समय िसर कप्रयासों पर भरोसा करना नहीं ह। यह
                                                                     े
                                                                                                  ै
                                      े
                                                           े
                                                   ु
      तब होता है जब एक व्यल्कक्त कड़ी महनत करना शऱू कर िता है ताभक वे अन्यव्यल्कक्तयों की मिि क े भबना
                                                                               े
           े
                              ें
      अपन सपन तक पहुच सक। मख्य कारर्ों में से एक है भहतों क े टकराव को रोकन क े भलए जबभी कोभशश कर
                        ं
                े
                                  ु
                                                     ु
                                                                        ु
      रह व्यल्कक्तयों मैं से भकसी एक द्वारा भवर्लता का अनभव भकया जाता ह। कछ हाभसल करन क े भलएलभकन
                                                                     ै
                                                                                       े
                                                                                               े
         े
                             े
      अपन काय को परा करन में असमर्थता क े कारर् असर्ल हो गए।हम इस बात से अवगत होना चाभहए भक
                भ
                                                                    ें
           े
                                      भ
                     ू
                                               ु
      आत्म-भनभरता आमतौर पर बभलिानों का अनभव करती है क्ोंभक एक व्यल्कक्तएक इकाई क े ऱूप में काय     भ
                भ
                                                                                         े
                                                                                 ु
                                                               े
                                                                     े
      करता है जब भी वे अपन समय, प्रयास और व्यय का त्याग करक अपन सपनों को चनौती ि ेनका प्रयास करत       े
                            े
                                                                      े
        ैं
                                      ु
                                                                                           ें
                                              भ
                                                  े
                                                            े
      ह। एक अकली कामकाजी इकाई चनौतीपर् है लभकन इसक भलए लड़न लायक है क्ोंभक इसम शाभमलव्यल्कक्त
                                            ू
                 े
                                                                                े
                       े
      सीखता है भक कस अपन सपनों और आकाक्षाओं को परा करन क े भलए सर्ल होन क े भलए एक होनहार
                                                       ू
                    ै
                                             ं
                            े
                                                              े
                                                                                     े
                             ू
                                      ै
      व्यल्कक्तबनन क े भलए मजबत बनना ह।इस तरह, आप यह सभनभित करन क े भलए धीर-धीर ताकत भवकभसत
                े
                                                                                 े
                                                           ु
                                                                      े
                                                        े
           े
      करग भक आपकी रचनात्मक भनभरता की ल्कस्र्थभतएक िजय कौशल और ज्ञान बन जाए भजस आप अपन            े
         ें
                                    भ
                                                      ु
                                                                                      े
      अनयाभययों जस अन्य व्यल्कक्तयों क े सार्थ साझा कर सकत ह।
                                                          ैं
                    े
                   ै
                                                        े
          ु
                                                                                  Anita Mudgil-PRT Hindi
                                                                                  Suraj School Pataudi
                                                                                                  22
            Suraj School Pataudi                 Suraj School Pataudi          Suraj School Pataudi
   17   18   19   20   21   22   23   24   25   26   27