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आत्म निर्र
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हम आत्म-भनभरता की आवश्यकता है क्ोंभक िभनया में हर व्यल्कक्त को खि पर भरोसा करन की जऱूरत है
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जब वव्यल्कक्तगत स्तर पर अपनी व्यल्कक्तगत और व्यावसाभयक ल्कस्र्थरता को एकीकत करन जा रह ह। ऐसा
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इसभलए है क्ोंभकखि पर भरोसा करना यह सभनभित करन का सबस अछॎछा तरीका है भक हम भभवष्य में होन े
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वाली भकसी भी भवर्लता कापछतावा नहीं होगा। नता खि पर काम करना पसि करत हैं क्ोंभक उनका
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मानना है भक यह उनकी ताकत, बल्कि औरप्रभाव है जो काम पर उनकी उत्पािकता को प्रभाभवत करन वाल े
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भकसी भी प्रभतबध या चनौभतयों को िर करन की कजी ह।इस मामल में, एक स्वतत्र व्यल्कक्त होन क े नात िसरों
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की मिि माग भबना आग बढ़न क े भलए एक महत्वपर् गर् ह।आत्म-भनभ्भरता को बढ़ावा िन का उद्दश्य
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वतमान में भकसी भनभित गभतभवभध या काय को परा करत समय िसर कप्रयासों पर भरोसा करना नहीं ह। यह
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तब होता है जब एक व्यल्कक्त कड़ी महनत करना शऱू कर िता है ताभक वे अन्यव्यल्कक्तयों की मिि क े भबना
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अपन सपन तक पहुच सक। मख्य कारर्ों में से एक है भहतों क े टकराव को रोकन क े भलए जबभी कोभशश कर
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रह व्यल्कक्तयों मैं से भकसी एक द्वारा भवर्लता का अनभव भकया जाता ह। कछ हाभसल करन क े भलएलभकन
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अपन काय को परा करन में असमर्थता क े कारर् असर्ल हो गए।हम इस बात से अवगत होना चाभहए भक
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आत्म-भनभरता आमतौर पर बभलिानों का अनभव करती है क्ोंभक एक व्यल्कक्तएक इकाई क े ऱूप में काय भ
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करता है जब भी वे अपन समय, प्रयास और व्यय का त्याग करक अपन सपनों को चनौती ि ेनका प्रयास करत े
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ह। एक अकली कामकाजी इकाई चनौतीपर् है लभकन इसक भलए लड़न लायक है क्ोंभक इसम शाभमलव्यल्कक्त
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सीखता है भक कस अपन सपनों और आकाक्षाओं को परा करन क े भलए सर्ल होन क े भलए एक होनहार
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व्यल्कक्तबनन क े भलए मजबत बनना ह।इस तरह, आप यह सभनभित करन क े भलए धीर-धीर ताकत भवकभसत
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करग भक आपकी रचनात्मक भनभरता की ल्कस्र्थभतएक िजय कौशल और ज्ञान बन जाए भजस आप अपन े
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अनयाभययों जस अन्य व्यल्कक्तयों क े सार्थ साझा कर सकत ह।
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Anita Mudgil-PRT Hindi
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