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आज लोग परिवाि ि े
महत्व िो िहीिं समझ पा
िह ह। इसिा सबस े
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बड़ा िािण है इस िई
दहिया औि लोगोिं िा
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बदलता मि। आज हम ें
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आि वाली पीढ़ी यािी
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हि छोट बच्चोिं िो अपि े
परिवाि ि े महत्व िो
समझािा होगा ताहि
वह समझ सि हि
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परिवाि क्ोिं जरूिी है?
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पहिम दशो ि े उलट,
हमाि हलए परिवाि
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इसम दादा-दादी, मा-
बाप, ताऊ-ताई, चाचा-
चाची आहद भी शाहमल
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िह ह। यािी, ख़ब
लम्बा-चौड़ा औि
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भिा-पिा एि ऐसा ििबा, हजसम सबि दख-सख साझा हैं, हि तीज-त्योहाि सब साथ हमलिि मिात हैं, मसीबतोिं
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िा सामिा हमलिि होता है, बठिख़ाि से हसी-ठहाि िी गज उठती िहती है,अहििाश लोगोिं ि े मि में परिवाि
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िी ये सब मिि स्महतया आज भी जीहवत ह।
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ख़ासतौि शहिोिं में ऐस परिवाि हसर् यादोिं में ही िह गए ह। इसि पीछ िछ वजह व्यावहारिि हैं औि िछ
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मजबिी। आजीहविा िी ख़ाहति पारिवारिि सदस्योिं िो दसि शहिोिं में भी बसिा पड़ता ह। हफि, बड़ शहिोिं में
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सयक्त परिवाि िी जरूितोिं ि े हहसाब से बड़ा घि हमलिा महगा ही िहीिं, मक्लिल भी होता ह। िई बाि समय,
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दिी आहद िो लिि भी ह दक्क़त भी आती ह। इि सबि चलत, भाविाओिं िो पि िखिि हिणय लि पड़त ह।
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लहिि दिी मायि िहीिं िखती अगि आप भाविातमि रूप से जड़ हए हो। हम मक्लिल या जरूित ि े मौक़ पि
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अपिा परिवाि ही याद आता है औि वही वास्तहवि सहािा बिता भी ह। इसीहलए िए यग िी िई आवश्यिताओिं
ि भलत हए भी परिवाि िो बिाए व बचाए िखि िी िोहशश िििी चाहहए। दि-दि िहिि भी भाविात्मि जड़ाव
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िो मजबती से क़ायम िखा जा सिता ह। इसि हलए मैं िछ सझाव द े सिता हूँ, हो सि तो आप जरूि अिसिण
िीहजय े
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मल-ममलापमल - हमलाप िित िहहय, जब भी मौिा लग आप अपि बड़ो से सलाह हवचाि - हवमशा िित िह।
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आप एि ही शहि में दि-दि िहत हैं, तो यह जरूिी है हि पखवाड़ या महीि में एि बाि परिवाि ि े सभी सदस्य
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इिट्ठा होिं। साथ खािा खाए, अपिी बात बताए, हसी मज़ाि िि। यहद अलग-अलग शहिोिं में िहत हैं, तब भी दो-
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चाि महीिोिं में ऐसा जरूि िि। छोटी छोटी ख़शी - गम मैं शाहमल होिा , आपसी रिश्तोिं िो मजबत बिता ह।
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ख़ास मौक़ े
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परिवाि में शादी, जन्महदि , वषगाठ या ख़शी ि े अऩॎय मौक़ोिं पि हशिित जरूिी ह। िोहशश िि हि हिसी भी ऐस े
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अवसि िो हाथ से ि जाि द े । इिम आप एि साथ सभी रिश्तदािोिं से हमल सित ह। िभी िभी छोटी सी ख़शी
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िो भी बड़ी ख़शी मैं बदला जा सिता ह।
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तकनीक अपनाए ं
आज हि घि मैं सभी ि े पास र्ोि औि इटििट िी सहविा है, अपिो से जब जब हो सि वीहडयो या ऑहडयो
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िॉल जरूि िि। हिसी भी रिश्त िो सीिंचिा पड़ता ह। यह सीिंचिा लगाताि सम्पि में बिे िहि से आता ह। 6
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आजिल सोशल मीहडया ि े माध्यम से भी लोग एि दसि से जड़ िहत है
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