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P. 11

“परिवाि”







                                                          े
                                                                    ु
    परिवाि आमतौि पि पहत, पत्नी औि बच्चोिं ि े समह िो िहत हैं, पित दहिया ि े अहििति हहस्सोिं में परिवाि िक्त
                                                                  ु
                                                                िं
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                                                      े
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                                                                      िं
                                                                        ु
                                                    ै
    सबहियोिं िा समह ह। परिवाि िई प्रिाि ि े होत हैं जस एिल परिवाि, सयक्त परिवाि, िक्त सबिी परिवाि
                      ै

                                                                                         िं
                                                े
                                                                                           िं
    आहद।
                                               िं
                                    े
                                                             ै
    सामाहजि इिाइयोिं में परिवाि सबस मौहलि एव छोटी इिाई ह। इसहलए यह सामाहजि हविास ि े सभी स्तिोिं पि
                                                                                 े
                                                                                िं
                                                                           े
    सभी समाजोिं में पाई जाती ह। ता ि े सभी सदस्य भावात्मि आिाि पि एि दसि से बि िहते ह। इि सदस्योिं ि े
                             ै
                                                                                        ैं

                                                      िं
    बीच घहिष्ठ सबि पाया जाता है हजसिा आिाि त्याग एव वात्सल्य होता है।
                 िं
                िं
    परिवाि ि े छोट बच्चोिं पि बड़ सदस्योिं िा सीिा प्रभाव पड़ता ह। हजसि िािण बच्चा परिवाि में हवद्यमाि
                  े
                                                                   े
                              े
                                                            ै
                ु
                                                                          ै
                                                                ा
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                                                                                                िं
    सास्कहति गणोिं िो आत्मसात िि अपिा सामाहजि व्यक्लक्तत्व हिहमत ििता ह। परिवाि समाज िी प्रािहभि
                           ै
                                                       ृ
                   ें
                                                         ु
                                                                      ै
    इिाई है, हजसम व्यक्लक्त पदा होता है, बड़ा होता है तथा मत्य िो प्राप्तहा ह। इसहलए परिवाि ि े सदस्योिं ि े
                                                                                 े
                            े

    असीहमत उत्तिदाहयत्व होत हैं जो व्यक्लक्त िी अहििाहिि आवश्यिताओिं िो पिा ििि िा प्रयास िित|  े
       ु
                                                         ै
    मिष्य िो समाज में पहचाि परिवाि ि े माध्यम से हमलती ह। अतः हि तिह से परिवाि व्यक्लक्त ि े हलए अहत
            ा
                                                     ै
              ैं
                                                                             ु
                                                                                                 ें

                          ें
    महत्वपण ह। परिवाि हम समाज में ज जीिा हसखाता ह।बाह्य व्यक्लक्तयोिं से हमािी सिक्षा ििता ह। यह हम हसखाता
                                                                                         ै
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                                      े
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                               ा
    है हि िस अपिा सम्माि अहजत िित हए दसिोिं िा सम्माि िििा है।
            िं
                       े
    -    (हजदगी में सबस खास होता है परिवाि
                                  े

    -    हि सदस्य ििता है एि दज िो प्याि

                         े
                                        े
    -    आपस में एि दज िो समझा िित हैं
          ै
                                      े
    -    िसी थी हो घड़ी साथ।हदया िित हैं।
    -    पत्थि तब ति सलायत है
                               ्
                       ा
                             ु
    -    जब ति वह पवत से छडजा है
    -    पत्ता तब ति यलायत है
                            ु
                      े
    -    जब ति वह पड़ से जड़ा हे
          िं
    -    इसाि तब ति सलायत है
                                 ्
                               ु
    -    जब ति वह परिवाि से छडजा है।
                                                        िं
                                                                      े
                                                  े
    परिवाि से अलग होिि आजादी तो हमल जाती है लहिि सस्काि चल जात हैं।
                                                                 े

                                                  े
    एि साथ िहिा ही परिवाि िहीिं िहलाता, एि दसि िी भाविाओिं िो समझिा व िद्र िििा परिवाि िहलाता है।
                 े
                                                     े
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                                            ु
    सदश :- अपि परिवाि ि े साथ प्रम से हमलजल िि िह हैं।
      ं
                                  े
    हििण हहदी अध्याहपिा
            िं
                े

    सिज स्कल िवाडी                                                                                11
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