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P. 5

pairvaar







                                                                          ूँ
                                                                                 िं
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      यह लख मैं हहदी मैं हलख िहा हूँ ताहि ज्यादा से ज्यादा पाठिो ति पहच सि | हिसी भी बच्च ि े
                    ा
      चरित्र िा हिमाण परिवाि में ही होता है औि परिवाि ही बच्चो िी पहली पाठशाला होती ह। हमाि        े
                                                                                            ै
                                                                                                  ूँ

                                                                  े
                                                                                        े
                                          ा

      जीवि में परिवाि एि बहत महत्वपण भहमिा हिभाता है | हवशष रूप से भाित जैसे दश मैं जहा अभी
                       िं

      भी परिवाि िी सिचिा बहत महत्वपण है । परिवाि ि े माध्यम से ही लोग अपिी सामाहजि आदतोिं
                                           ा
                                 े
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      औि िहति गणोिं िो सीखत ह। परिवाि में हिया जाि वाला एि औि िाय बच्चोिं िी हशक्षा ह।
                                                         े
                                                                                               ै
                                   ैं
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                                                                       िं
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      वश्वीििण ि े चलत हम लोग पहिमी दहिया िी िक़ल िि िह है| सयक्त परिवाि (जॉइट फहमली) से
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      पि हम लोग एिल परिवाि (िक्लिअि फहमली) िी तिफ झुि िह है | इसहलए बच्चोिं िो परिवाि ि े
      महत्व िा एहसास ििाि ि े हलए, सिज स्कल हििन्ति प्रयासित िहता ह। सभी अध्यापि बच्चो िो


                              े
                                                                            ै
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                                                          ैं
      परिवाि से सम्बहित िछ िा िछ होमवि दत िहत ह।
                                                 े
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      परिवाि एि महत्वपण हशक्षा एजसी ह। बच्चा माता-हपता ि े मागदशि में पहल अक्षि सीखता है |
                              े
                                                                   े

      एिािी परिवाि ि े चलत ये सब थोड़ा िम जरूि हो गया है लहिि इस सब ि े बावजद हशक्षा ि े

                                                ै
                                                                              े
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      िद्र ि े रूप में परिवाि िी भहमिा अहम ह। परिवाि ि े साथ समय हबताि से जीवि िी िई
                             ैं
      समस्याए दि हो जाती ह। िोई भी बड़ी से बड़ी समस्या हो, एि परिवाि हमलजल ििि उस समस्या

                                                                                         े
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                                                                                  ु
      िा समािाि िि सिता है या उस समस्या से लड़ सिता ह। अभी दश covid औि दसिी समस्या से
                                                               ै

                                                                         े
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                                                                                      े
                                                                े
      लड़ िहा है, बहत साि लोगो िी िौििी भी चली गयी है, ऐस में परिवाि ही एि द  सि िा सहािा
                                                                      ै
      बििि ऐसी समस्यायोिं से लड़ा है औि उिपि हवजय प्राप्त भी िी ह।
                                                                                       ै
      व्यक्लक्त ि े जन्म ि े साथ ही उसिा सम्बन्ध एि परिवाि ि े साथ स्वतः ही जड़ जाता ह। भाितीय
                                                                             ु
                                                                                    ै
                   िं
      सामाहजि सिचिा में परिवाि िो एि महत्त्पण सस्था ि े रूप में माऩॎयता हमली ह। परिवति शब्द
                                                    ा
                                                       िं
                                                                                             ा

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                     े
      िछ िवीि होि िी बात पि बल दता ह। सामाहजि सिचिा में भी हमशा परिवति होता िहता है, जो
        ु
                                     ा
                                                                                      ै
                                                                                           ा
      आज है वह िल अवश्य परिवहतत होगा ऐसा मािा जाता िहा है औि यह सत्य भी ह। पयाविण में भी
                                 े
      परिवति िो स्पष्ट रूप से दखा जा सिता ह। इसी तिह सामाहजि परिक्लस्थहतिी ि े अन्तगत भाितीय
                                                ै
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                                                                                             ा
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      परिवािोिं में भी परिवति दखा जा सिता है, हम सयक्त परिवाि ि े बाद एिािी परिवाि एव एिािी
                                                       ु
                                                                                             िं

      परिवाि ि े पिात अब सक्ष्म एिािी परिवाि िे समाज में दस्ति द े दी है, जो सयक्त परिवाि व्यवस्था
                                                                                  िं
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      िो पिी तिह से ख़त्म ििि िा प्रयास िि िहा है।
                                े
      परिवाि एि शक्लक्त है जो आपि साथ हमशा मसीबत मे खड़ी िहती है, बहत साि लोग ऐसी
                                              े
                                                                                    े
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      हवचाििािा भी िखत है िी वो िछ िाम अपि परिवाि िी वजह से िहीिं िि पा िह है, परिवाि उन्ह           ें
                                                   े
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      उि िायो िो ििि िी अिमहत िहीिं द े िहा या िहीिं दगा, मैं उि लोगो िो यही िहिा चाहता हूँ िी
                                                          े
                                 ु
      जब िोई पतग आसमाि मैं उड़ती है तो वह उतिी ही ऊचाई ति जा पाती है हजतिी लम्बी डोि होती
                   िं
                                                            िं
      है , अगि डोि टट जाए तो वह पतग भी ज्यादा दि िहीिं जा पायगी। मिा अपि सभी पाठिो िो यही
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                                                                         े
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      सलाह है िी परिवाि िी अहहमयत िो समझ औि अपि परिवाि ि े साथ रिश्त िी डोि िो औि
                                                                                  े

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      ज्यादा मजबत िि। इस माह िी ऊजा पहत्रिा िा शीषि "परिवाि" भी इसहलए िखा गया औि अपि                    े
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      छात्रोिं िो परिवाि से सम्बहित िछ हलखि ि े हलए बोला। आज हमािी ऊजा पहत्रिा िो पिा एि वष            ा
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      हो गया है औि इसिी लोिहप्रयता औि हवतिण भी िाफी बढ़ गया है, इसि हलए पिी ऊजा टीम िो
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      बिाई दता हूँ औि आप सबस भी हिवदि ििता हूँ िी आप सभी इस पहत्रिा िो ज्यादा से जयादा
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      साझा िि  े
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