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        दोस्ोों ऊजा मगज़ीन का नया अक आ रहा है, जब भी मझ कछ भलखन क े भलए बोला जाता है मझ बड़ी ख़शी
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                                                                                                   ु
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        होती है। इस बार का भिषय भारत है तो इस भिषय क े ऊपर हम सब , कछ ना कछ भलख सकत है। लभकन ये
                                                                                          े
                                                                                                े
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       भिषय सपादक- मडल ने शायद गािी जयती को ध्यान में रखकर ही चना होगा। िस तो मैं गािी िादी ही हाँ
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                                                                    े
       और मरा जीिन गािी जी क े भिचारो से बहुत प्रभाभित रहा है, आज मझ कछ गािीजी क े बार मैं भलखना है तो मैं
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                                                                   ु
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       बहुत सहज महसस कर रही हाँ। में सनीता यादव, भनदशक सरज भशक्षा सभमभत आप सभी पाठको का
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                                                                                      य
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       बहुत बहुत आभार व्यक्त करती हाँ भक आपन हमारी पभिका को बहुत ही स्नह और आशीिाद भदया और मझ        े
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       इस पभिका क े माध्यम से आप सबस जड़न का मौका भमल रहा है।
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                                                                                                  ों
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       गािी सत्य और अभहसा क े बहुत बड़ समर्क र्े और इस अििारणा क े भलए उनका बहुत महत्व र्ा ‘अभहसा‘
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       शब्द सस्कत शब्द 'अभहसा' का अनिाद है। भजसका अर् है 'सबस बड़ा प्यार, सबस बड़ा दान'। इसक अलािा
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       अभहसा हम एक दसर से बािती है और सार् ही भगिान को। सत्य और अभहसा, एक ही भसक्क े क े दो पहल हैं
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       अभहसा सािन है;सत्य अत है। मैं सत्य और अभहसा की गािीिादी अििारणा पर चचा करगी |
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       2 अक्टबर, 2021 को महात्मा गािी की 152िीोंजयती है। गािीजी का योगदान भसफ दश को आजादी भदलान      े
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       तक ही सीभमत नहीोंर्ा बल्कि उनका परा जीिन एक प्ररणा की तरह र्ा। गािी जी आज भल ही हमार बीच ना हो,
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        पर उनक भिचार हमशा हम सब लोगो का मागदशन करत रहग | गािीजी की भशक्षाए जीिन क े हर मोड़ पर काम
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        आती हैं। उन्ोोंन मानिता को जीन का तरीका भसखाया, उनक भिचार आज भी उतन ही प्रासभगक और व्यािहाररक
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        है । उनक भिचार और भसद्ातोों पर अगर अमल भकया जाए तो दभनया की बहुत सारी समस्याओों का समािान
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       आसानी से हो सकता है। िस तो गािीजी का सम्पण जीिन प्ररणा का स्रोत है, मझ लगता है भक गािीजी क े ये
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       भिचार हर एक छाि को जरूर पढ़न चाभहए और हम सभी को अपन जीिन में उनका अनसरण करना चाभहए।
                                                                  े
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       राष्ट् र भपता क े ये भिचार आपको आपक जीिन में सफलता जरूर भदलाएग :-
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      •    भजयो, जस यह तम्हारा आल्कखरी भदन हो। सीखो, जस तम हमशा रहन िाल हो।
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      •    हमारी इजाजत क े भबना कोई हम दख नहीोंपहुचा सकता।
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      •    इसान जसा सोचता है, िसा ही बन जाता है।
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      •    पहल िो आपको नजरअदाज करग, भफर िो आप
               ों
                                    ें
                 ें
                   े
                                 े
           पर हसग, भफर िो आपस लड़ग और भफर
                                      े
                       ों
                         े
           आप जीत जाएग।
                 े
               ों
      •    जहा प्रम है, िहीोंजीिन है।
                                            े
      •    ताकत का शारीररक क्षमता से कोई लना-
            े
                                         ै
           दना नहीोंहै। यह अदम्य इछॎछा से पदा होती है।
                                य
      •    भभिष्य इस बात पर भनभर करता है भक
                              े
           आप आज क्या करत हैं।
                            े
      •    हम लड़खड़ा सकत हैं और भगर सकत      े
              े
                      ें
           हैं लभकन हम भफर उठना होगा, यद्
                                        ु
                ै
           क े मदान से भागन की बजाय
                            े
           हम कम से कम इतना करना चाभहए।
              ें
                        े
                                      े
      •    जो समय बचात हैं, िे िन बचात हैं
           और बचाया हुआ िन, कमाए हुए
           िन क े बराबर होता है.
                                                                                                   5
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