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P. 19

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                      मरी उडीसा यात्रा
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                      पहली बार मैं हवाई जहाज द्वारा भवनश्वर गई। बडा रोमाचक सफर था। मरी बहन साथ थी।
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                                                                        ां
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                      उस दिन world tourism day था।हवाई अड्ड पर रत से उसकी तस्वीर बनी थी। कला का अनपम
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                      स ांिय िखन को दमला। हम भवनश्वर से बालगाव गए। उसक दलए हमन एक कार दकराए पर ले
                                                                                     े
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                      ली।मझ लगा दक गाडी वाला धीर चल रहा है,में उत्तदजत हो रही थी। सबस पहल हम दचल्का
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                      झील पहच। नाव से झील की सर की। इस प्रकार का सफ़र करक वहा क े लोगोां क े जीवन को
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                      नजिीक से िखन का अवसर दमला।
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     वादपस आकर हम जगन्नाथ परी की तरफ रवाना हए। अगली सबह मदिर में
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     गए। वहा मोबाइल ले जाना वदजत था।हमन अपन फोन बाहर जमा कर
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     दिए।मदिर का दसह द्वार दवशाल एवम सिर ह। पजारी ने दवदध पवक पजा
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     करवाई। मन आनदित हो गया। एक अजीब सी शादत अनभव हई।
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     वहा से हम कोणाक का सय मदिर िखन दनकल पड। रास्ते में sea shore
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     था। हम तरत गाडी रुकवाकर पानी की तरफ बढ़ गए। दकनार पर ककड थे
                       ें
     ।मन पहली बार उन्ह इतन पास से िखा। लहरोां का शोर सुनकर धडकन      ें
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     बढ़ गई। मझ लहरोां में उतरन से डर लगा
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                      मैं उन पलोां को अपन में समट हए आग बढ़ गई। हम कोणाक पहच। सय मदिर की भव्यता को
                                                                                ां
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                      दनहारन क े बाि उस शब्ोां में बया करना मश्किल ह।उस महसस दकया जा सकता ह।हस्तकला
                                                                                                 ै
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                                                                        य
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                                                   का उत्कष्ट नमना है सय मदिर। गाइड ने बताया दक इस मश्किर
                                                                                      ां
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                                                   पर सय की कलाए अदकत ह।           वहा का खाना, लोगोां का
                                                       ू
                                                         य
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                                                                         ें
                                                   व्यवहार, रहन सहन हम अच्छा लगा। वहीां से हम वादपस चल
                                                                              े
                                                   दिए, ढर सारी बात, याि अपन फोन में और अपन साथ लकर।
                                                                                               े
                                                                                                      े
                                                                        ें
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                                                                  Dheeraj Dayma |PGT  Hindi
                                                                                                  19
                                                                   Suraj School Mahendergarh
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