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हम आत्मनिर्भर
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आत्मभनभर सोच से बनगा, आत्मभनभर भारत, आज का छात्र अगर अपन जीवन में आत्मभनभर सोच
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पे ज्यािा भवश्वाश करगा तो आत्मभनभर भारत का भी सपना जल्द ही परा होगा।
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भकसी भी िश, समाज, समह क े पीछ एक भवद्यार्थी का ही भवशष योगिान होता है। भवद्यार्थी िश का
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भभवष्य होता है अगर आज हम सब भमलकर उस एक उभचत भिशा भिखन का काम करत है तो हम
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अपन िश क े आभर्थक, सामाभजक और सास्कभतक उन्नभत क े भलए एक महत्वपर्भ भागीिारी भनभा
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सकत है ।
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मझ ऐसा लगता है भक अगर भारत को एक आत्मभनभर राष्ट् र बनाना है तो इसक भलए भवद्यार्थी
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मििगार साभबत हो सकत हैं। भवद्यार्थी भजतना उत्साहवधक, िशप्रमी और कौशलयक्त होगा उतना
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ही एक िश क े भवकास क े भलए और उसकी उन्नभत और तरक्की क े भलए प्रबल िाविार होगा।
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भवद्यार्थी जीवन वह समय होता है जब उसक अिर एक गजब का आत्मभवश्वास , उत्साह, ऊजा और
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जोश भरा रहता है। और उनक मन में प्रभतभिन नए -नए भवचार, नई-नई योजनाए आकार लन लगती
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हैं भजसम असभव को सभव कर भिखान का जज्बा समाया रहता है।
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एक सही मागिशन, उनक अिर की अपार क्षमताओं , सभावनाओं और असीभमत ऊजा को एक
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सही भिशा ि े सकत है । इसी तरह क े काय में सरज एजकशन ग्रप अभतम ३ िशकों से भी ज्यािा से
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काम कर रहा है।
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छात्रोंकर स्वतत् नशक्षार्थी बिि में कस मदद कर?
ज़ऱूरत है भक हम सब अपनी अपनी सोच बिल. आत्मभनभर भारत क े भलए ज़ऱूरी है भक सबस े
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पहल सोच आत्मभनभर हो। सरज एजकशन ग्रप क े सस्र्थापक श्री जगिीश प्रसाि जी क े भिशा भनिश
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अनसार, हम छात्रों को आत्मभनभर बनान क े भलए प्रयासरत है और उनक बनाये और भिखाए माग भ
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पर चलन का प्रयास करत है।
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हमन अपन स्कल का पाठ्यक्रम कछ इस तरीक से भडज़ाइन भकया है की छात्र छोटी छोटी आित
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में बिलाव लाकर आत्मभनभर छात्र बन सक, मैं आज उनम से कछ आपक सार्थ साझा कर रही हूँ।
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1 गह काय स्वय कर े
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हमार यहा से शख्त भनिश होत है की सभी छात्र अपना होमवक स्वय कर वो अभभभावक से उभचत
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भिशा भनिश या मागिशन ले पर अपन स्कल का होमवक वो स्वय कर। इसक अभतररक्त जब भी
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स्कल की तरर् से उन्ह कोई भी प्रोजक्ट या असाइनमट भिया जाता है तो उसम भी कम से कम
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सहयोग लन क े भलए बोला जाता है और बहुत बार इस तरह क े प्रोजक्ट स्कल में ही अध्यापक द्वारा
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करवाया जाता है ताभक भवधार्थी अपन आप परा काय कर सक।
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2 कछ भी काय करि से पहल परी तयारी करक बठ :
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हम लोग अक्सर िखत है की छात्र पढ़न बठत है और तभी उन्ह याि आता है भक उनकी पभसल शाप भ
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नहींहै, रफ़ नोट बक नहींहै कभी उन्ह प्यास लग जाती है या भर्र भख लग जाती है| सरज स्कल भक
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भनिशक होन क े नात हम अपन सभी अध्यापको को इसक भलए प्रभशक्षर् ित है भक कक्षा शऱू होन े
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से पहल सभी भवधार्थी पानी खाना इत्याभि क े भलए कक्षा क े बीच मैं ना बोले। और ना ही उन्ह कही
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जाना पड़ ।
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