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ियी ऊिा ियी सकरण
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प्रातः काल की सनहरी वकरण ।
जगा रही है एक उमग ।।
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उत्साह , ऊजा ,प्रकाश ही है यह वकरण ।
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आशा की नयी वकरण बन आई है उमग ।।
सबह की रस्ि लायी है नया रग ।
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सघष की नयी उम्मीद बन आई है उमग ।।
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प्रीवत - रीती क े गीत गाएग हम ।
ससार में हषोउल्लास लाएग हम ।।
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विश्वाश जगत में लाएग ।
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मानि को मानि से वमलाएग ।।
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सकल ससार को नया ऱूप द ेंगे ।
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उत्साह और उमग से भर दग ।।
प्रकाश की नयी वकरण ।
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लायगी एक नयी उमग ।
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लायगी एक नयी उमग ।।
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सरज स्कल रिाडी
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िई उमर्ग िई उिा ा उमर्ग
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नई उमग नई तरग नई उजा क े सग , उमग है कछ करन की,
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नि भोर में अचवभत है सनहरी धप क े सग । उमग है कछ बनान की,,
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सदर विश्व की कल्पना उजा से भरपर है , जो सपन दख है उनको परा करन की,
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लगता है चाद वसतार जमीन पर न कोई हमस दर है । समाज में नया बदलाि लान की,,
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नि भोर है निीकरण है निाचल है , अपना अस्ित्व बनान की,
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उषा की लावलमा क े वलए सरज का आचल है | उमग है कछ नया करन की,,
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धरती अपनी तरुणाई लकर प्रकवत कर स्खलिाड, अपना इवतहास बनान की,
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इद्रधनषी रग आए बार-बार | उमग है कछ करन की,,
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चहु और दखो मातभवम हररत क्ावत आई , , उमग है कछ बनान की॥
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हरा रग वनखर गए सदर लाली आई ।
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भारत क े कम िीरो और कणधार ,
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नि उमग नि जोश क े सग करो
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दिनों का वनराधार ।
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जय वहद , जय भारत , िद मातरम |। Anita Class-8th
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Suraj School Rewari
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िरि स्कल रवाडी
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