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िोस्ों आप सभी को 75वे स्वतत्रता दिवस की अदिम शभकामनाय |
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मैं गायत्री यािव, सरज एजकशन िप की तरफ से आप सभी को 75वे स्वतत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाई िती
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हूँ, आजािी अपन आप में एक बहुत बड़ी दजम्मवारी और अपन आपको गौरवादवत महसस करन का दिन है |
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आज हम भारत क े 75 स्वतत्रता दिवस का जश्न मना रह ह। हम सभी जानत हैं दक भारत को दिदिश शासन से
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1947 में 15 अगस् को आजािी दमली थी। स्वतत्रता क े बाि हम अपन सभी मल अदधकार अपन राष्ट् र , अपनी
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मातभदम में दमल गए। हम सभी को एक भारतीय होन पर गव महसस करना चादहए और अपन भाग्य की प्रशसा
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करनी चादहए दक हमन एक स्वतत्र भारत की भदम पर जन्म दलया।
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आजािी हम सब लोगो को दवरासत में दमली हैं, हम अपन पवजो क े द्वारा दिए गए बदलिान क े हमशा ऋणी रहग,
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२०० साल क े लम्ब सघर् क े बाि दमली आजािी की कीमत को सही मायन में पहचान | ना जान दकतन लोगो ने
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अपना परा जीवन लगा दिया तादक हम एक आजाि िश में सास ले सक | आजािी क े सही मायन समझन क े दलए
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हम आजािी का अथ भी जानना चादहए |
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आजािी का शाब्दिक अथ पण ऱूप से स्वतत्र होना है अथात दकसी भी ऱूप में आप पर दकसी का दनयत्रण न हो.
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आजािी का अथ है, कोई भी आप क े जीवन में हस्क्षप ना कर, लदकन छात्र जीवन में ऐसी आजािी दकसी काम
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की नहीं है अगर ऐसा हो तो इसस दकसी भी छात्र क े समदचत दवकास की सभावना नहीं बनती है.आजािी अपन े
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आप में एक बहु आयामी शि है, अछॎछा है हम आजाि हैं, और भी अछॎछा होगा यदि हम आजाि रह, उसस भी
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अछॎछा होगा यदि हम िसरों को गरीबी से आजािी , भ्रष्ट्ाचार से आजािी , अज्ञानता और अधदवश्वास की गलामी से
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आजािी दिल वा सक।
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मैं अपन आप को बहुत खशनसीब मानती हूँ की मैं एक ऐसी सस्था से जडी हुयी हूँ जो समाज को अज्ञानता से
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आजािी दिलाकर, ज्ञान क े उजाल की और ले जान का काम कर रही है | मरा ऐसा मानना है की आजािी
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अनशासन क े दबना ममदकन नहीं। िोनों एक साथ ही चलत ह। अगर आप अनशादसत नहीं हो सकत तो
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आजािी भी हादसल नहीं कर सकत |
छात्र जीवन से आजािी और और जहा व्यवस्था होती है वहा ं
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अनशाशन िोनों अलग-अलग हमशा ही आजािी होती है। इस
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नहीं दकए जा सकत। अगर बात को एक बहुत छोि से
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आप कहत हैं दक मैं वही उिाहरण से समझ सकत है
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कऱूगा जो मै चाहगा क्ोंदक मैं आप तभी ठीक से सुन सकते
आजाि हूँ । मैं जब चाह अपना हो जब आप चप बठो, ध्यान
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खाना खाऊगा। मैं जब चाहे िो। अगर आप िखन क े दलए
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कक्षा में आऊगा। तो आप आजाि नहीं हो, सनन क े दलए
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अव्यवस्था पिा करत हैं। भी आजाि नहीं हो | अगर आप
आपको अनशासन का पालन अपनी आजािी चाहत हो तो
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करना है िसरों की आजािी आपको िसरो की आजािी का
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का भी ध्यान रखना होगा। भी सम्मान करना होगा |
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यदि बच्च बड़ होन पर उपद्रव
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सभी चीज ठीक से चल इसक े करत हैं तो माता दपता उनको
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दलए आपको समय पर आना ऐसा करन की आजािी नहीं
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होगा। इसदलए आपको इसका ित, समाज उनकी इस स्वतत्रता
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ध्यान रखना होगा। आपको पर हस्क्षप करता हैं यही
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िसरों क े बार में भी सोचना अनशासन है
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होगा। जब आप िखकर, और यह मानव क े चाररदत्रक
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सनकर, समझकर, िसरों क े उत्थान एव सामादजक प्रदिया
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बार में सोचकर खि को क े दलए आवषॎयक तत्त् है इसी
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अनशादसत करत हैं तो इसस े प्रकार सरकार की भी यह
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एक व्यवस्था बनती ह। 5
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